विधि
- बेसन
को छानकर किसी बर्तन में निकाल लें.
- घोल बनाने के लिए, बेसन में आधा कप पानी मिलाकर, गाढ़ा घोल बना लें.
- अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर घोल को पतला कर ले. घोल इतना गाढ़ा होना चाहिए कि जब छलनी के ऊपर रखा जाय तो वह बूंद-बूंद करके इसके छेद से गिरे.
- बेसन के घोल में गुठलियां नहीं रहनी चाहिए. घोल को 5-6 मिनट तक या घोल के एकदम चिकना होने तक खूब फेंट लें.
- घोल में 2 छोटे चम्मच तेल डालें और फिर फेंट लें. तैयार घोल को 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें.
ऐसे बनाएं चाशनी
- एक बर्तन में चीनी और डेढ़ कप पानी डालकर चाशनी बनने के लिए आंच पर रखें.
- उबाल आने पर, चीनी में कुछ गंदगी हो तो एक बड़ा चम्मच दूध डालें और झाग आने पर कड़छी से निकाल लें.
- चम्मच से 1 बूंद चाशनी
प्लेट में गिराएं उंगली और अंगूठे के बीच चिपकाकर देखें.
- चाशनी उंगली और अंगूठे से हल्की सी चिपकने लगे तो यह तैयार हो चुकी है. अब इसमें इलायची पाउडर डालकर मिला लें.
ऐसे बनाएं बूंदी
- भारी तले की चौड़ी कढ़ाही में घी डालकर गर्म होने के लिए रखें. जब यह अच्छी तरह गर्म हो जाए तो इसमें घोल की एक बूंद डालकर पता लगा लें कि यह गर्म हुआ है या नहीं.
- बूंदी
बनाने के छलनी को घी के थोड़ा ऊपर रखें और बेसन के घोल के 2 बड़े चम्मच इसके के ऊपर डालकर बूंदी छानते जाएं.
-छलनी को थोड़ा-थोड़ा हिलाते जाएं जिससे घोल छलनी से होकर कड़ाही में गिरते जाए.
- बूंदी वाली छलनी को घी के ऊपर से उठाइये, बूंदी को कड़छी से घी में हिलाया जा सकता है. इसके हल्का सा रंग बदलने और कुरकुरे होने पर, झावे से बूंदी को निकाल लें.
- कड़ाही से बूंदी निकालकर चाशनी में डालते जाएं और हल्का सा दबाते जाएं. 1-2 मिनट के बाद बूंदी चाशनी से निकाल लें.
- आपकी बूंदी तैयार है इसे चाहे तो ऐसे ही खाएं या फिर इसके लड्डू
बना सकते हैं. इस बूंदी को 3-4 हफ्ते तक कंटेनर में रख सकते हैं.